Tuesday, November 20, 2018

चेतन होते कल्ला : भवानीभाई और मकसूद अहमद (25 जनवरी, 2012)

राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बने को दो वर्ष हो जाने और पता नहीं कितनी कोशिशों के बाद डॉ. बीडी कल्ला को लाल बत्ती की गाड़ी मिल गई है। बीकानेर पश्चिम से पिछला विधानसभा चुनाव यदि वे न हारते तो वे सूबे के मुख्यमंत्री होते, ऐसा ही मानना है उनके छवि-प्रबंधकों का। आज की राजनीति में कुछ भी संभव हो सकता है तो डॉ. कल्ला के मुख्यमंत्री बनने की संभावनाओं पर सवाल क्यों खड़े किये जायें? लेकिन अप्रैल 2011 से राज्य वित्त आयोग के चेयरमैन के रूप में मंत्री का दर्जा पाये कल्ला लाल बत्ती की गाड़ी के रुतबे के साथ मीडिया में स्थान पाने में सफल नहीं हो सके थे। कहने को कल्ला के छवि प्रबन्धक दबे मुंह और बेबस जबान से जिला कलक्टर और महापौर भवानीशंकर शर्मा को भुंडाते रहे हैं। राजनीतिक दस्तूर के चलते महापौर को भुंडाना तो समझ में आता है पर जिला कलक्टर को मैनेज ना कर पाने का दोष कल्ला के छवि-प्रबंधकों पर मंढना उनके साथ नाइंसाफी होगी। यह जुगत तो डॉ. कल्ला को खुद ही करनी चाहिये थी। पिछले तीस वर्षों की अंदरूनी खबरें तो यही बताती हैं कि बिना रीढ़ के आला अफसरों को छोड़ दें तो ब्यूरोक्रेसी से कल्ला की कम ही ट्यूनिंग रही है।
आगामी विधानसभा चुनावों में दो से भी कम वर्ष का समय रह गया है। ऐसे में स्थानीय टीवी अखबारों में डॉ. कल्ला का चेतन होना उनके छवि-प्रबंधकों के लिए सुकून की बात हो सकती है, उपलब्धि की नहीं। इस घोर कलिकाल में हाजी मकसूद अहमद की दाद देनी चाहिए कि वे नुगरै नहीं निकले। हाजी मकसूद नगर विकास न्यास अध्यक्ष क्या बने कि डॉ. कल्ला की छवि को प्राणशक्ति मिल गई। ऐसा नहीं है कि इससे पहले कल्ला शहर के मंचों से गायब थे। यदा-कदा वे मंचस्थ होते ही थे। लेकिन इन दिनों जो सुर्खियां कल्ला बटोर रहे हैं वह उल्लेखनीय हैं। इस उल्लेख का मकसद नजर लगाना नहीं बल्कि हाजी मकसूद को इसका पूरा श्रेय देना है, राज्य वित्त आयोग की अध्यक्षी को नहीं। हो सकता है जिले में अव्वल दर्जे की राजनीति करने वाले या अव्वल दर्जे की राजनीति करने का ख्वाब देखने वाले डॉ. कल्ला को मिले हाजी मकसूद जैसे सहयोगी पर ईर्ष्या करने लगें। लेकिन इसके लिए अनुकूल परिस्थितियां और मकसूद अहमद की जैसी निष्ठा की जरूरत होती है, जो अब लगभग दुर्लभ है। देखने वाली बात यह होगी कि कल्ला मकसूद अहमद को किस तरह परोटेंगे, अगले विधानसभा चुनाव में, क्या कल्ला बीकानेर पूर्व उन्हें उम्मीदवारी दिला पाएंगे?
-- दीपचंद सांखला
25 जनवरी, 2012

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