Tuesday, November 20, 2018

विकास का विरोध बीकानेर में ही क्यों होता है (14 जनवरी, 2012)

आज ही के अखबारों में खबरें और भी हैं। जिनमें एक लालगढ़ रेलवे स्टेशन की एप्रोच सड़क को सुविधाजनक बनाने के लिए गजनेर रोड स्थित भुट्टों के चौराहे से इन्द्रा कॉलोनी होते हुए विकसित करने का विरोध है। नियंत्रणहीन जनसंख्या और शहरी विकास को ही रोल मॉडल मान लिए जाने के बाद इस तरह के विरोध बेमानी हैं। एक लोकतान्त्रिक देश का कोई भी नागरिक यह कह कर छुटकारा नहीं पा सकता कि जनसंख्या बढ़ने और शहरी विकास को रोल मॉडल बनाने जैसे निर्णयों में हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है। मूकदर्शक होकर सबकुछ होते देखते रहना मात्र जिम्मेदारी से मुक्त होना नहीं होता! बावजूद इसके कि आजादी के बाद से बहुत थोड़े से लोग ही सभी कुछ के नियंता बने बैठे हैं।
इसी तरह कुछ लोग संगठित होकर गंगाशहर स्थित गोचर भूमि में बनाए जा रहे है सीवरेज प्लांट का भी विरोध कर रहे हैं, जबकि यूआईटी उस भूमि से तीन गुना भूमि गोचर के लिए देने को तैयार है!
लालगढ़ स्टेशन एप्रोच रोड और सीवरेज प्लांट का विरोध करने वालों को बढ़ते शहर के यातायात और गंदे पानी की निकासी के भारी दबाव को कम करने के लिए होने वाले ऐसे कार्यों को व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए होने देना चाहिए। मांग तो यह होनी चाहिए कि लालगढ़ स्टेशन को रामपुरा कॉलोनी की तरफ भी विकसित किया जाय!
-- दीपचंद सांखला
14 जनवरी, 2012

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