Monday, July 17, 2023

है कोई धणी-धोरी इस शहर का

 नगर निगम में जनता के चुने मेयर हैं, नगर विकास न्यास के अध्यक्ष प्रशासनिक अधिकारी न होकर जनता के नुमाइंदे हैं। दोनों कांग्रेस के हैं, सूबे में सरकार कांग्रेस की है। इतना जरूर है कि नगर के दोनों विधायक भाजपाई हैं। उनके पास असल बहाना है कि हमारी तो सरकार ही नहीं है। वैसे इन दोनों विधायकों की छवि आरामतलबी से राजनीति करने वालों की है। बीच का एक टर्म और अभी का टर्म छोड़ दें तो पिछले तीसे'क सालों से विधायक के रूप में नुमाइंदगी कर रहे डॉ. बी.डी. कल्ला तो राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष हैं, हार गये तो क्या कैबिनेट मंत्री का दर्जा तो उन्हें हासिल ही है। डॉ. कल्ला हर चुनाव में अपने को इस शहर के विकास के भगीरथ के रूप में प्रस्तुत करते रहे हैं। इतना सब होने के बाद भी शहर का कोई धणी-धोरी नहीं है।

शहर की सड़कें जगह-जगह से या तो टूटी हुई हैं या उखड़ी हुई हैं। सड़कों की क्रॉस-नालियों से गुजरना आसान नहीं है। इन नालियों पर कहीं तो जालियां और लोहे के पतड़े ही नहीं लगे, जहां कहीं लगे भी हैं तो वे सब इस स्थिति में हैं कि उनके ऊपर से गुजरना खतरे से खाली नहीं है।

महात्मा गांधी रोड के फड़ बाजार पॉइंट पर क्रॉस नाली आधी सड़क तक बैठ गई है, कीचड़ भरा रहता है। लोग-बाग उससे बचते हुए गलत साइड से गुजरते हैं। जो सही साइड से गुजरते हैं उन्हें सहमना पड़ता है-ऐसी स्थिति कई महीनों से है।

महात्मा गांधी रोड पर ही प्रेमजी पॉइंट का पुलिस पॉइंट जब से लगा तब से ही सेन्टर में नहीं है। वहां अलख सागर से रतन बिहारी मार्ग की ओर मुडऩे वालों को हमेशा परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी तरह की स्थिति रेलवे स्टेशन के सामने वाले पॉइंट की है। फोर्ट स्कूल की ओर से आने वाला यातायात गंगाशहर की ओर किस तरह मुड़े-तय करने में दिक्कत होती है। पॉइंट से घूमें तो पैट्रोल पम्प के कोने पर ऑटो रिक्शा वाले सवारियों के इंतजार में रास्ता रोके खड़े रहते हैं।

थोड़ा आगे चलें तो पुराने डागा मैदान में कई मॉल हाल के वर्षों में बने हैं। पता नहीं बिना सेटबेक के इनके नक्शे नगर निगम ने कैसे पास कर दिये। यहीं पीडब्ल्यूडी डाक बंगले के आगे नाले के चेम्बर पर कहने को जालियां लगी है लेकिन वे लगी इस तरह से है कि उनके ऊपर से गुजरना कोई नहीं चाहता-सब के सब इस व्यस्ततम रास्ते पर गलत साइड से ही गुजरते हैं।

इसी तरह से अम्बेडकर सर्किल पर सोहनकोठी की तरफ वाला तिकोना डिवाइडर बरसों से करीब दस-पन्द्रह फुट आउट बना हुआ है। इसी कारण अधिकांश ट्रैफिक गलत साइड से निकलने की कोशिश करता है-ठीक यहीं सोहन कोठी के आगे के तिराहे पर एक पुलिस पॉइंट है वह भी सेन्टर से दस फुट आउट लगा हुआ जिसके कारण अम्बेडकर सर्किल से आकर पब्लिक पार्क की ओर जाने वाला ट्रैफिक हमेशा गलत साइड से मुड़ता है। यही नहीं इसी पॉइंट के दोनों ओर सड़क का बड़ा हिस्सा करीब-करीब आठ-दस इंच गहरा बैठा हुआ है-यह भी करीब एक साल से है। इसी मार्ग पर रेलवे स्टेडियम के आगे वाली सड़क हाल ही में बनी है। वहां स्थित मोहता निवास के आगे का लगभग सौ फुट का टुकड़ा तब किसी कारणवश बनाने से छोड़ा होगा-वह आज भी वैसा ही पड़ा है। डागा चौक की बात करें तो वहां बीके स्कूल के पास की क्रॉस नाली के ऊपर से सुरक्षित कैसे गुजरें देखने वाली बात होती है। अब आप ही बतायें कि शहर का कोई धणी-धोरी है क्या?

—दीपचन्द सांखला

11 जून, 2012

No comments: