Monday, July 17, 2023

ऊन मंडी का हस्तांतरण

 आखिर पूगल रोड स्थित फल, सब्जी और ऊन मंडी में से ऊन मंडी के हिस्से को अनाज मंडी को सौंपने का बहुप्रतीक्षित कार्य पूरा हो गया है। ऊन मंडी की 316 बीघा जमीन सहित दुकानें, गोदाम एवं सभी परिसम्पत्तियां अनाज मंडी को हस्तांतरित कर दी गई। कल एक अनौपचारिक कार्यक्रम में अनाज मंडी अध्यक्ष सहीराम दुसाद ने इस हस्तांतरण के बदले फल-सब्जी मंडी के विकास के लिए 15 करोड़ रुपये का चेक भी इस मंडी की अध्यक्ष रामादेवी कड़वासरा को सौंप दिया है। इसके साथ ही ऊन मंडी के अनाज मंडी को हुए हस्तांतरण को लेकर चल रहे वर्षों पुराने विवाद का एकबारगी पटाक्षेप हो गया।

पूगल रोड पर फल-सब्जी के साथ ऊन मंडी बनाई गई थी। इसका उद्देश्य तो यह था कि फल व सब्जी के साथ ऊन का अधिकांश कारोबार भी नई मंडी में स्थानांतरित हो जाए और शहर के अंदरूनी इलाकों में चल रहे इस कारोबार के शहर के बाहर चले जाने से व्यापारियों को भी सुविधा होगी और माल के परिवहन में आने वाली समस्याओं का भी समाधान होगा। पर ऐसा हुआ नहीं। पीढिय़ों से पुराने शहर में स्थित अपनी कोठरियों से ऊन का कारोबार करने वाले व्यापारियों को पूगल रोड स्थित नई मंडी में स्थानांतरित होना रास नहीं आया। नतीजा यह हुआ कि ऊन मंडी का अपेक्षित विकास ही नहीं हो पाया। इतने वर्षों में भी ऊन मंडी आबाद नहीं हो पाई और यहां बनी दुकानें खाली ही रही।

दूसरी तरफ कृषि जिन्सों का उत्पादन बढऩे के साथ ही श्रीगंगानगर रोड स्थित अनाज मंडी छोटी पडऩे लगी और दुकानों व स्थान की मांग भी बढऩे लगी। ऐसी स्थिति में खाली पड़ी ऊन मंडी की तरफ ध्यान गया और इसकी दुकानें अनाज के व्यापार के लिए आवंटित करने की मांग उठने लगीं। हालांकि शुरूआती दौर में कुछ भावनात्मक कारणों से और कुछ दोनों मंडियों के बीच की दूरी व अन्य कारणों से इसका विरोध भी हुआ। धीरे-धीरे यह विरोध शांत हुआ तो ऊन मंडी के हस्तांतरण संबंधी सरकारी औपचारिकताएं पूरी की जाने लगी। अंतत: यह बाधा भी दूर हुई और हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी हो गई।

अब इस हस्तांतरण के बाद उम्मीद की जा रही है कि अनाज मंडी के कार्य के लिए बढ़ती जमीन की मांग एक हद तक पूरी होने से अब यह कार्य और सुचारु ढंग से हो सकेगा वहीं व्यापारियों व मंडी में जिंस लेकर पहुंचने वाले किसानों को स्थानाभाव का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। आशा है कि वर्तमान अनाज मंडी का आकार बढऩे के साथ ही बढ़ी हुई आमदनी से मंडी प्रशासन कल्याणकारी कार्यों में भी इजाफा करेगा। मंडी में स्थान के अभाव में मौसम की मार झेलती रही कृषि जिंसों को भी सुरक्षित रखने में यह नई व्यवस्था कारगर साबित होगी। अनाज मंडी अध्यक्ष सहीराम दुसाद की नए परिसर को मॉडल मंडी बनाए जाने की घोषणा को भी अमली जामा पहनाया जा सकेगा।

—दीपचन्द सांखला

21 जून, 2012

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