Monday, July 17, 2023

हूंतो लाडो खुद ही

 राजस्थानी में एक कहावत है, 'हूं लाडै री भूआÓ। राजस्थानी में दुल्हे का लाडौ भी कहते हैं। लेकिन यहां भूआ तो कोई नहीं है पर लाडौ जरूर है। एक नहीं दो-दो, जो खुद ही लाडौ बनने को तैयार है। अगले माह देश के राष्ट्रपति के चुनाव होने हैं और उसके बाद उपराष्ट्रपति के। पिछले कुछ दिनों में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा भी राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी जताते घूम रहे थे। इससे पहले भी वे इसी तरह लोकसभा अध्यक्ष के दूसरे कार्यकाल के लिए ऐसा कर चुके हैं। कल लगभग इसी तरह भाजपा नेता जसवंतसिंह उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने दावेदारी करते दिखे। भाजपा ने राष्ट्रपति के पिछले चुनाव में भी भैरोंसिंह शेखावत की राष्ट्रपति की उम्मीदवारी को थापी दे दी थी। वोटों का गणित तो उनके साथ नहीं था- किसी ज्योतिषी की यह बात जरूर उनके साथ थी कि आप इससे ऊपर का पद और पायेंगे। उस समय भाजपा संगठन का कोई अस्तित्व तो दीख रहा था लेकिन इस समय तो पार्टी एकजुट स्वरूप को दिखाने जैसी अवस्था में अपने को नहीं पा रही है। ऐसी स्थिति में जसवंतसिंह की दावेदारी कई बातें खड़ी करती है-एक बार पार्टी से बाहर हो चुकने और लौटने पर भी कोई उल्लेखनीय हैसियत न बना पाने के चलते लगता है जसवंतसिंह कोई सम्मानजनक ठीये की तलाश में हैं-लेकिन खुद ही लाडा बने घूमने पर वे सम्मान कितना बनाये रख सकेंगे, देखने वाली बात है।

—दीपचन्द सांखला

13 जून, 2012

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