Thursday, December 6, 2018

पद्मश्री सैफ अली खान (23 फरवरी, 2012)

पद्मश्री सैफ अली खान अपनी मंगेतर (!), संभावित सालियों और मित्रों के साथ मुंबई के एक आलीशान रेस्त्रां में देर रात मौजमस्ती कर रहे थे। वहीं एक अप्रवासी भारतीय भी अपने ससुरालियों के साथ रस लेने में मशगूल था। कहते हैं सैफ की मौजमस्ती से उस अप्रवासी को अपने रस में बाधा महसूस हुई तो उसने सैफ को टोक दिया, कह नहीं सकते कि केवल टोका ही या डपटा भी था। पदम्श्री, नवाब, स्टार आदि-आदि सैफ इस सब का वैसे भी आदी नहीं हैं और जब वे अपनी मंगेतर (!), संभावित सालियों के साथ हों तो ऐसा कैसे गवारा करते, मार दिया घूंसा उस अप्रवासी भारतीय की नाक पर। उसने भी इसे अपनी नाक का सवाल बना लिया। अब पछतावा उस अप्रवासी को ही होगा। थाना भी मुंबई का और कोर्ट भी मुंबई का, सैफ को तो अधिकांश समय मुंबई में ही गुजारना है, अप्रवासी को सैफ की बदमिजाजी न भुगतने की परेशानी तो भुगतनी ही होगी।
-- दीपचंद सांखला
23 फरवरी, 2012

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