सूबे के मुखिया जिले में थे और वेटेनरी कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल में एक हैरतअंगेज वाकिआ घटित हो गया। एक युवती को उसके कमरे में आकर उसी के सहपाठी ने हथौड़े-चाकू से वार कर मार डाला। युवक ने जिस तरह से इस घटना को अंजाम दिया उसे अंग्रेजी के मुहावरे में ‘कोल्ड ब्लडेड मर्डर’ कहा जाता है। कहते हैं बाकायदा योजना बना कर युवती के भेष में गर्ल्स हॉस्टल में घुसने में सफल हुए उस युवक ने योजना बना कर ही सरंजाम जुटाए और ताक लगाकर ना केवल उस युवती की हत्या कर दी बल्कि अपने जीवन को खत्म करने का भी प्रयास किया। प्रेम की बदलती परिभाषाओं की यह दर्दनाक बानगी है। वैसे प्रेम भी सनक की अभिव्यक्ति से ज्यादा कभी रहा है क्या?
बात ऊपर के सम्पादकीय में सुरक्षा खामियों से शुरू की थी। वेटेनरी गर्ल्स हॉस्टल की यह घटना भी उसी का एक उदाहरण है। चाक चौबन्द शब्द बोलचाल में हम काम में तो लेते हैं, व्यवहार में नहीं। कहने को उस समय हॉस्टल में गार्ड तैनात था पर जाहिर है वहां आवाजाही ‘भगवान भरोसे’ ही थी, अन्यथा कोई गैर स्त्री-युवती भी पूछताछ और नाम दर्ज हुए बिना अन्दर कैसे जा सकती है? तात्कालिक आक्रोश ना पैदा हो इसके लिए मैटर्न को निलम्बित और वार्डन को नोटिस दे दिया गया है, जांच कमेटी बन गई। घटना से मुतल्लिक सभी औपचारिकताएं भी पूरी कर ली जायेंगी। सुरक्षा उपकरण लग जाएंगे। पर स्वाभाविक सावचेती कहां से लाएंगे जो समाज में लगातार गायब होती जा रही है। वारदात को अंजाम देने वाला युवक और उस युवती के परिजन भी समय गुजरने के साथ लगभग सामान्य हो जायेंगे। पर वह युवती नहीं लौटेगी! आए दिन की ऐसी घटनाओं के बावजूद जिम्मेदारी से यह कोई नहीं कह सकता कि इस तरह की घटनाएं आगे से कम घटेगी।
9 जुलाई, 2013
1 comment:
सुरक्षा से अधिक, लोगों की मानसिकता में बदलाव जरूरी है ..
माता - पिता जागरूक हो
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