Thursday, February 27, 2014

बीकानेर लोकसभा क्षेत्र : बिछने लगी बिसात

कांग्रेस ने जिन पन्द्रह लोकसभा उम्मीदवारों का चयन कार्यकर्ताओं के मतदान से करने की घोषणा की थी, उनमें एक बीकानेर क्षेत्र भी था। बीकानेर में इससे सम्बन्धित मतदान प्रक्रिया का मुख्य चरण कल पूरा हो गया है। मांगीलाल नायक, रेंवतराम पंवार और शंकर पन्नू अधिकृत उम्मीदवार थे। इनमें शंकर पन्नू ने अधिकतम मत लेकर उम्मीदवारी की अपनी पात्रता हासिल कर ली है। प्रक्रिया ज्यों की त्यों चली तो कांग्रेस हाइकमान अधिकृत तौर पर उम्मीदवार के रूप में शंकर पन्नू का नाम घोषित कर देगी।
भाजपा में भी बीकानेर सीट के लिए हलचल शुरू हो चुकी है। वैसे तो वर्तमान सांसद अर्जुनराम मेघवाल का टिकट पुख्ता माना जाना चाहिए था क्योंकि कई सम्मानों के जुगाड़ों के बाद और वर्तमान सांसदी के चलते उनकी दावेदारी को पार्टी नजरअन्दाज नहीं करेगी। उनके पक्ष में प्रदेश पार्टी सुप्रीमों वसुन्धरा भी बताई जा रही हैं जो इस समय प्रदेश में एकमात्र सर्वेसर्वा हैं। लेकिन हाल ही के विधानसभा चुनावों में क्षेत्र से जीते-हारे पार्टी उम्मीदवारों का सुर उन अधिकांश पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ है जो नहीं चाहते कि अर्जुनराम जैसे 'चतुर और मीठे मासे' को यहां से उम्मीदवार बनाया जाय। अर्जुनराम के ऐसे विरोधियों की आवाज में दम दिखा तो हो सकता है वसुन्धरा उन्हें पड़ौस की श्रीगंगानगर सीट पर शिफ्ट कर दें। ऐसे में इस अनुकूल माहौल में 'टीके-टमकों' से ठीक-ठाक छवि बना चुके अर्जुनराम की जीत श्रीगंगानगर से ज्यादा आसान हो जायेगी। यदि ऐसा होता है और बीकानेर से पार्टी कोई नया चेहरा उतारती है तो इस अनुकूल माहौल और पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं के दिये भाव से उपजे उनके उत्साह के चलते नया चेहरा भी सीट निकाल ले जाए तो कोई आश्चर्य नहीं करना चाहिए।
हालांकि कांग्रेस में शंकर पन्नू का नाम कई कारणों के चलते चल रहे अन्य नामों से भारी साबित होगा। शंकर पन्नू अनुसूचित जाति की क्षेत्र में प्रभावी मेघवाल जाति के होने के साथ पर्याप्त और भारी संसाधनों से चुनाव लडऩे की कुव्वत रखते हैं और श्रीगंगानगर से सांसदी लोकप्रियता के साथ कर चुके हैं। लम्बी-चौड़ी जमींदारी के साथ-साथ कहा जाता है कि उनका जमीन-बिल्ंिडगों का भी अच्छा-खासा व्यवसाय है। राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष, अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग के अध्यक्ष, सूरजगढ़ (झुंझुनूं) से विधायक और झुंझुनूं के जिला प्रमुख रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हनुमानप्रसाद तंवर के दामाद शंकर पन्नू के पक्ष में बड़ा पासा रामेश्वर डूडी का कहा जा सकता है। विधानसभा में विपक्ष के नेता डूडी बीकानेर से सांसदी कर चुके हैं और क्षेत्र के प्रभावी जाट समुदाय के साथ उनके कई ऐसे हित समूह हैं जो यदि मन से सक्रिय हो जाएं तो भाजपा के किसी भी उम्मीदवार को इस अनुकूल भाजपाई माहौल में अच्छा-खासा जोर करवा सकते हैं। इसे अतिश्योक्ति मानें कि डूडी धार-विचार लेंगे तो अपनी नाक और बीकानेर लोकसभा की सीट दोनों बचाने का माद्दा रखते हैं!
बीकानेर लोकसभा क्षेत्र की इस बिछती बिसात की असल रंगत दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों की अधिकृत घोषणा के बाद ही देखी-समझी जा सकेगी।

27 फरवरी, 2014

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