पूरे यौवन पर गर्मी, मानसून अगवानी की उमस और चुनावी हलचलों के बीच आम-आवाम अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी को वैसे ही ढो रहा है जैसी उससे ढोई जा रही है। संभाग में सुराज संकल्प यात्रा के दौरान इस बीच वसुन्धरा राजे ने रतबासा शहर में किया और सुराज संकल्प यात्रा की शहरी आमसभा का स्थान तय करवा दिया जिस पर एक राय नहीं बन पा रही थी। नगर विधायक इसे अपने हलके में करवाना चाह रहे थे। फिलहाल आमसभा का स्थान जूनागढ़ के सामने ही तय किया गया है और प्रशासन इसे स्वीकार भी करेगा। क्योंकि पहले भी यहां सभाओं की इजाजत दी जाती रही है, अभी हाल ही में अन्ना हजारे की सभा भी यहीं हुई थी। लेकिन क्या व्यस्ततम मार्गों पर आमसभाएं करना और प्रशासन द्वारा इजाजत देना जायज है? यह स्थान शहर के तीन बड़े हिस्सों का आवागमन स्थल है। चौखूंटी पुलिया के निर्माण के चलते इसकी व्यस्तता और भी बढ़ गई है। सभा वाले लगभग पूरे दिन इस रास्ते का उपयोग करने वालों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। यह सड़क आमसभाओं के लिए भाजपाइयों की पसंदीदा जगह रही है। शायद इसलिए कि परेशान करना आयोजकों का मकसद भी हो, नहीं तो ‘लोगां ने ठा कियां लागसी की सभा हुई है।’ अन्यथा स्कूलों के मैदान राजनीतिक दलों को सभाओं के लिए यदि नहीं दिए जा रहे हैं और सभाएं शहर में ही करनी हो तो रतनबिहारी पार्क मन्दिर परिसर के पीछे का मैदान इस तरह की बड़ी सभाओं के लिए आदर्श स्थान कहा जा सकता है। रतनबिहारी पार्क में मन्दिर परिसर के तीनों और छोटी-बड़ी के हिसाब से सभाएं आजादी के समय से ही होती रही हैं। ‘विनायक’ का यह स्पष्ट मत है कि आवागमन वाले स्थानों पर इस तरह के आयोजन नहीं होने चाहिए।
13 जून,
2013
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