Thursday, July 1, 2021

नाथी का बाड़ा, घर जाने का निर्देश और कल्ला कांग्रेस बनाम शहर कांग्रेस

राजस्थान की राजनीति के दोनों मुख्य दलों में सब कुछ ठीक नहीं है। भाजपा में हाइकमान की हेकड़ी की वजह से तो कांग्रेस में हाइकमान के अनिर्णय की मानसिकता से। राजस्थान में तीसरे मोर्चे की चर्चा जरूर होती है, लेकिन उनके पास ऐसा कोई नेता नहीं है जिसकी स्वीकार्यता समग्र राजस्थान में हो। 

इस तरह राजस्थान की राजनीति फिलहाल मोटामोट दो ही दल हैं, कांग्रेस और भाजपा। वर्तमान सिनेरियो में भाजपा के पास वसुंधरा राजे का कोई विकल्प बनता दिख नहीं रहा है तो कांग्रेस में सचिन पायलट अपनी हड़बड़ी के चलते अशोक गहलोत का विकल्प बनते-बनते भटक गये। इस भटक से उनमें उपजी कुण्ठाओं ने जहां पार्टी में उनकी स्वीकार्यता को और भी कम कर दिया वहीं इस घटनाक्रम से पार्टी और सरकार का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है। 

आज बात कांग्रेस की करेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, शिक्षामंत्री और बीकानेर जिलाप्रभारी मंत्री गोविन्दसिंह डोटासरा पिछले दिनों बीकानेर में थे। डोटासरा उन कांग्रेसी नेताओं में से हैं, जो मीडिया के साथ सोशल मीडिया को सुर्खियां देते रहते हैं। कुछ माह पूर्व नाथी के बाड़े का उल्लेख कर चर्चा में आये डोटासरा ने मंत्रिमण्डलीय बैठक के बाद चर्चा तब भी बटोरी जब मुख्यमंत्री की उपस्थिति में मंत्रिमंडल में असल दो नम्बर शान्ति धारीवाल से जब उलझे तो धारीवाल ने झिड़क दिया। धारीवाल की हेकड़ी इसलिए भी चुलती है कि वे पार्टी के लिए दूझती गाय है। नम्बर दो में असल का उल्लेख इसलिए करना पड़ा क्योंकि हमारे इधर बीडी कल्ला को नम्बर दो कहा जाता है। 

डोटासरा अभी जब बीकानेर आये तो वे मोर-पांख का झाड़ू बीकानेर के सभी नामी नेताओं के सिर पर रखने में चूके नहीं। बीडी कल्ला, रामेश्वर डूडी, वीरेन्द्र बेनीवाल, मंगलाराम गोदारा आदि सभी की मिजाजपुर्सी की बल्कि भंवरसिंह भाटी को तो विनायकजी की तरह साथ ही रखा। अपनी इस बीकानेर यात्रा में भी सुर्खियां जाने-अनजाने वे दे ही गये। कल्ला-कांग्रेस की और से कल्ला परिवार के राजनीतिक वारिस होने का मन बनाये अनिल कल्ला के पक्ष में जब 100 से अधिक कल्ला-कांग्रेसियों ने अनिल कल्ला को शहर अध्यक्ष बनाए जाने की लिखित पैरवी की तो डोटासरा यह बोले बिना नहीं रह सके कि मैं इसके मानी अच्छे से समझता हूं।
लेकिन ज्यादा सुर्खियां बटोरी निगम पार्षद अंजना खत्री ने। अंजना खत्री कांग्रेस की ओर से महापौर की उम्मीदवार थीं और गोटियां सही बैठ गयी होतीं तो सुशीला कंवर की जगह महापौर वह ही होतीं। महापौर नहीं बनी तो नहीं बनी, नेता प्रतिपक्ष भी वह अभी तक नहीं बन पा रही हैं। क्योंकि सूबे की सरकार और संगठन बीते डेढ़ वर्ष से दो बड़े मोर्चे को संभालने में ही लगे हैं। पहला भाजपा की शह से मोर्चें पर डटे सचिन पायलट के विद्रोह के चलते तो दूसरा महामारी कोरोना से। डोटासरा बीकानेर आये तो अंजना ने मिलकर निगम में नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति की मांग रखी। खीज में या स्वभाव के चलते डोटासरा ने झिड़कते हुए अंजना को यह कह दिया तुम अपने घर जाओ। उम्रदराज अंजना को संभवत: दो वजह से बुरा लगा हो—एक तो वे उम्र में डोटासरा से काफी बड़ी हैं दूसरा वह सक्रिय महिला हैं। अंजना को यह भी लगा होगा कि वह स्त्री है इसलिए उसे घर में बैठने की हिदायत दी जा रही है। अंजना ने भी पलट कर तैश में आकर जवाब दे दिया—मैं तो अपने घर (बीकानेर) में ही हूं, घर जायें आप। सामान्यत: शीर्ष के नेता कार्यकर्ताओं की ओर से इस तरह के जवाब सुनने के आदि नहीं होते हैं। फिर सोचा होगा जैसा दिया वैसा कभी-कभी झेलना भी पड़ सकता है। हालांकि बाद में अंजना खत्री ने सफाई देकर 'डेमेज कंट्रोल' की कोशिश जरूर की।

बीकानेर शहर कांग्रेस की राजनीति में दूसरी उल्लेखनीय घटना यह हुई कि पुराने कांग्रेसी नेता गुलाम मुस्तफा बाबूभाई की अगुआई में कांग्रेसियों ने डोटासरा के सामने मांग रखी कि बीकानेर शहर कांग्रेस की विधानसभा क्षेत्रवार पूर्व और पश्चिम की दो अलग-अलग शहर ईकाइयां होनी चाहिए। होगी कि नहीं, बाद की बात है लेकिन इतना पक्का है कि शहर कांग्रेस को कल्ला-कांग्रेस से मुक्त करवाने की लड़ाई स्थानीय कांग्रेसी हार चुके हैं। दो ईकाइयां होती भी हैं तो इसके लिए कल्ला-कांग्रेसियों की मौन स्वीकृति इसलिए भी मिल सकती है कि यदि ऐसा होता है तो वे अपनी दुकान निर्बाध चला सकेंगे। अन्यथा स्थानीय कांग्रेसी कुचरणी ज्यादा चाहे न कर पाएं, सिचले तो नहीं बैठने वाले। खैर, आसान न बीकानेर शहर अध्यक्ष की नियुक्ति है और न दो अलग-अलग ईकाइयां बनना, देखते जाओ आगे-आगे होता है क्या।

डोटासरा को लम्बी पारी खेलनी है तो बजाय मुखर होने के, घुन्ना होना और सावचेती से चलना बेहतर होगा अन्यथा नारायणसिंह, रामेश्वर डूडी, चन्द्रभान, बीडी कल्ला, जैसे पार्टी में लगभग शीर्ष हैसियत तक पहुंच कर फिसले हैं।
—दीपचन्द सांखला
30 जून, 2021

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