Tuesday, October 30, 2018

मकसूद अहमद के मनोनयन के मानी कई हैं (8 दिसंबर, 2011)

यूआइटी अध्यक्ष के रूप में मकसूद अहमद का मनोनयन हुआ है। मकसूद अहमद कल्ला बंधुओं के विश्वस्त हैं। शहर की राजनीति में इस मनोनयन के कई मानी हैं। हालांकि मकसूद अहमद की मुख्यमंत्री निवास तक खुद अपनी पहुंच है फिर भी कल्ला बंधुओं ने यह मनोनयन करवा कर आभास करवाया है कि वे कुछ ही नहीं बल्कि बहुत कुछ रखते हैं और यह भी कि उन्हें शहर की राजनीतिक बिसात पर लम्बी बाजी खेलनी है। कल्ला विरोधी इसे इस तरह भी ले सकते हैं कि भानीभाई के भरोसे शहर कांग्रेस को डागा चौक की छाया से मुक्त करवाना संभव नहीं है। ऐसा देखा गया है कल्ला बंधु जो धार लेते हैं वो अकसर कर गुजरते भी हैं। कल्ला विरोधियों द्वारा मकसूद अहमद के खिलाफ दर्ज किसी शिकायत की प्रति ऊपर तक पहुंचाने के बावजूद शहर कांग्रेस अध्यक्ष न सही वे उन्हें यूआईटी अध्यक्ष तो बनवा ही लाये। कल्ला बंधुओं के सचेत और सतत प्रयासों से ही ऐसा संभव हो पाया है।
पार्टी में कल्ला विरोध की राजनीति करने वाले इसे इस तरह भी ले सकते हैं कि उनका सरदार डंके की चोट करने वाला होगा तभी वे सफल होंगे। चालीसे’क साल पहले गोकुलप्रसाद पुरोहित के साथ भानीभाई के बारे में बातचीत करते हुए मनीषी डॉ. छगन मोहता ने कहा था कि भानीभाई डिस्टिल्ड वॉटर हैं, रिएक्शन नहीं करते। जिस इंजेक्शन के साथ मिक्स होते हैं, वह भले ही रिएक्शन करे। भानीभाई के बारे में यह टिप्पणी आज भी सटीक है। वे कल्ला बंधुओं की तरह टारगेट तय नहीं करते। एक साथ कइयों को राजी रखते हैं, किसी एक के लिए भी सतत प्रयास नहीं करते, शायद अपने लिए भी नहीं। अब तो यह भी लगने लगा है कि भानीभाई मान चुके हैं कि उन्होंने राजनीति की पारी खेल ली है।
तनवीर मालावत भी इस मनोनयन से सचेत हो सकते हैं कि बीकानेर पूर्व से कांग्रेस की टिकट के लिए मकसूद अहमद उनके लिए चुनौती बनेंगे। शहर कांग्रेस अध्यक्ष जनार्दन कल्ला जिस तरह की बिसात बिछाते हैं उसमें ऐसा सम्भव है। कल्ला विरोधियों को यह लग सकता है कि यदि वे अब भी नहीं चेतते हैं तो शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद पर भी कल्ला के कोई  परिवारी या दरबारी का मनोनयन हो सकता है, यदि ऐसा होता है तो व्यावहारिक राजनीति में सबसे ज्यादा परेशानी तनवीर मालावत को होगी क्योंकि बीकानेर पश्चिम से तो बीडी कल्ला की उम्मीदवारी हाल-फिलहाल चुनौतीविहीन है।
मकसूद अहमद का महापौर का कार्यकाल तुलनात्मक रूप से ठीक-ठाक माना जाता रहा है। उम्मीद की जानी चाहिए कि वे अपने यूआइटी अध्यक्ष के कार्यकाल को महापौरी से बेहतर संभव कर पाएंगे।
ज्योति कांडा
श्रीगंगानगर यूआइटी के मनोनीत अध्यक्ष ज्योति कांडा का बीकानेर से भी रिश्ता है। वे यहां के कर सलाहकार विनोदकुमार जैन के दामाद हैं। संभव है कि वो आगामी विधानसभा चुनावों में श्रीगंगानगर सीट से कांग्रेसी उम्मीदवारी की दावेदारी करे।
--दीपचंद सांखला
8 दिसंबर, 2011

No comments: