Friday, October 26, 2018

वीरेंद्र बेनीवाल (16 नवंबर, 2011)

वीरेन्द्र बेनीवाल को स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्यमंत्री के रूप में राज्य मंत्रिमंडल में जगह दी जा रही है। जाट समुदाय के दो दिग्गज जब अपने पर लगे आरोपों के चलते बाहर हो गये या कर दिये गये, तब से ही वीरेन्द्र बेनीवाल का मंत्रिमंडल में शामिल होना निश्चित माना जा रहा था। जिले से एक और नाम मंगलाराम गोदारा का भी चर्चा में था। दोनों का एक ही जिले और एक ही समुदाय से होना शायद मंगलाराम के लिए भारी पड़ा होगा अन्यथा उन्हें गहलोत का नजदीकी माना जाता रहा है। इसी के चलते जिले से गहलोत के दूसरे नजदीकी और निर्दलीय विधायक कन्हैयालाल झंवर का नाम संसदीय सचिव के रूप में शामिल हुआ है।
बेनीवाल और झंवर, इन दोनों ही नामों से जिले के जो दो नेता मन मसोसेंगे वो हैं रामेश्वर डूडी और बीडी कल्ला। इन दोनों की खुद अपनी तरक्की की मानसिकता कभी सकारात्मक नहीं रही है। यह दोनों ही अपनी तरक्की की जुगत से ज्यादा यह जुगत भिड़ाने में लगे रहे हैं कि दूसरा कोई उनके बराबर न आ जाये। डूडी और कल्ला आज चुनावी पराजय के जिस मुकाम पर हैं उसका बड़ा कारण उनकी यह नकारात्मक सोच ही मानी जाती है।
--दीपचंद सांखला
16 नवंबर, 2011

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