Thursday, October 25, 2018

सरकार की अनिच्छा के बावजूद बढ़े पेट्रोल के दाम (4 नवंबर, 2011)

पेट्रोल के बाजार को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के रंग दिखने लगे हैं। कल गुरुवार को जब पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी से मिले तो वित्तमंत्री के रुख से लगा था कि वे पेट्रोल के दाम बढ़ाने के पक्ष में नहीं हैं। प्रणव मुखर्जी तेल-गैस-संबंधी कीमतों के लिए बनी समिति के अध्यक्ष भी हैं। मुखर्जी वित्तमंत्री होने के नाते लगातार बढ़ रही महंगाई से पहले ही भारी दबाव में है। वे जानते हैं कि पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के बढ़े दाम महंगाई को और बढ़ाने के कारण बनेंगे।
पेट्रोल की कीमतों को नियंत्रण मुक्त करने का ही नतीजा है कि सरकार की अनिच्छा के बावजूद कल देर शाम पेट्रोल की कीमतों में तेल कंपनियों द्वारा 1.82 रु. का इजाफा कर दिया गया। बीकानेर के लिए यह इजाफा 1.92 रु. का होगा। अब देखना यह है कि राज्य सरकार इन पेट्रोलियम उत्पादों पर टैक्स में कमी कब करती है। यदि राज्य सरकार टैक्स में कमी करती है तो इससे जहां इसके उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी वहीं प्रदेश के सीमावर्ती पेट्रोलियम डीलरों को भी बिक्री में बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा। क्योंकि पड़ोसी राज्यों में पेट्रोलियम  उत्पादों पर टैक्स राजस्थान से कम होने के चलते पेट्रोलियम पदार्थों के उपभोक्ताओं की कोशिश यही रहती है कि वे संभव होने या अवसर मिलने पर पड़ोसी राज्य से ही पेट्रोल-डीजल भरवाते हैं।
--दीपचंद सांखला
4 नवंबर, 2011

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