Monday, April 10, 2017

इसे खिसियाना कहते हैं मायावतीजी (7 सितम्बर, 2011)

एक आस्ट्रेलियन खुरापाती प्रतिभा है जूलियन अंसाज। अंसाज यह साबित करने में लगा है कि दुनिया में शत-प्रतिशत गोपनीयता सम्भव है ही नहीं। जूलियन अंसाज ने कम्प्यूटरों पर देखी जाने वाली पत्रिका शुरू की है। इसे पत्रिका कहना कमतर आंकना होगा। सही मानो में तो यह दुनिया भर के छोटे-मोटे शासकों और औद्योगिक घरानों की अन्दर की असलियत दिखाने वाला ऐसा आईना है जिसे जूलियन विकिलीक्स नाम से दिखाता रहता है।
पिछले दिनों ही उसने एक सूचना लीक की कि अमेरिका के भारत में उच्चायुक्त द्वारा अपनी सरकार को नियमित भेजी जाने वाली गोपनीय सूचनाओं में एक यह भी थी कि उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती की पगरखी लेने एक विशेष निजी जेट विमान मुम्बई गया था।
अब मायावती ने मंगलवार को बाकायदा सरकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला करबेचारे जूलियन अंसाज को कोसा और यहां तक कहा कि उसे आगरे के पागलखाने भेज देना चाहिए। मायावती जिस सूबे की मुखिया है उसी सूबे का एक ऐतिहासिक शहर है आगरा जहां कभी मानसिक रोगियों के इलाज की आधुनिकतम सुविधाएं उपलब्ध थी। यह कि वो बहु सुविधायुक्त मानसिक रोगियों का इलाज का केन्द्र अब उसी सूबे के बरेली शहर में शिफ्ट कर दिया गया है। उम्मीद की जाती है कि इतनी सूचना तो मायावती को होनी ही चाहिए। मानसिक रोगियों का इलाज करने वाले स्थान को एक मुख्यमंत्री द्वारा पागलखाना कहना उन मानसिक रोगियों के लिए बड़ा अपमानजनक और प्रताड़ना की बात है जो पहले से अपमानित और प्रताड़ित होते रहे हैं। विकीलीक्स के जूलियन अंसाज ने अमेरिकी उच्चायुक्त की सूचना की सूचना भर दी है। अगर वो सूचना गलत है तो मायावती के असल गुस्से का शिकार तो तत्कालीन अमेरिकी उच्चायुक्त को होना चाहिए, जूलियन अंसाज नहीं।

                                       वर्ष 1 अंक 16, बुधवार, 7 सितम्बर, 2011

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