Tuesday, April 25, 2017

मुख्यमंत्रीजी विचार करेंगे इस पर? (01 अक्टूबर, 2011)

सभी वर्गों के लिए अस्पतालों में मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा वितरण योजना कल दो अक्टूबर, गांधी जयंती से शुरू हो रही है। एक लोककल्याणकारी सरकार के लिए सामान्य जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तरह से ऐसे कार्यक्रम चलाने की प्राथमिकता होनी ही चाहिए, बशर्ते उसका मकसद लोकप्रियता हासिल करना होकर लोककल्याण ही हो। अच्छा होता कि इस योजना को शुरू करने से पहले मुख्यमंत्री सभी सरकारी अस्पतालों की दशा ठीक करते, उनमें जरूरत के डाक्टर, जरूरत के नर्सिंग और अन्य स्टाफ की नियुक्तियां की जाती। लगभग सभी संभागीय, जिला, तहसील स्तरीय अस्पतालों और शहरी  और ग्रामीण डिस्पेंसरियों में फिलहाल एक्सपर्ट तो दूर सामान्य सर्जन-फिजीशियन भी पूरे नहीं हैं।
अलावा इसके मुख्यमंत्री को ऐसी ग्रामीण चिकित्सा सेवा के बारे में सोचना चाहिए जिसमें डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ गांवों में घर लेकर रहने को आकर्षित और प्रेरित हों। इसके लिए ग्रामीण चिकित्सा सेवा बने जिसमें शहरी सेवा से ज्यादा तनख्वाह और उनके बच्चों के लिए गांवों में ही स्कूल स्तर की अच्छी शिक्षा व्यवस्था होना जरूरी है। इसके लिए गांवों में अच्छी शिक्षा सेवा के लिए अनुदानित संस्थाओं से आए कर्मचारियों के लिए बनाई गई ग्रामीण शिक्षा सेवा को ही शहरी सेवा से अच्छी तनख्वाह और अतिरिक्त सुविधाओं के साथ विस्तार दिया जा सकता है। ताकि शैक्षिक और गैर-शैक्षिक सरकारी कर्मचारी ग्रामीण सेवा का विकल्प चुनने को प्रेरित हो।
अगले कुछ वर्षों में लगभग सभी गांव प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से जुड़ ही रहे हैं और यदि व्यावहारिक, प्रेरक और आकर्षक ग्रामीण चिकित्सा सेवा और ग्रामीण शिक्षा सेवा जैसी दो सर्वथा जरूरी सेवाएं गांवों में उपलब्ध करवा दी जाए तो दोहरा लाभ होगा। गांव हर स्तर पर खुशहाल होंगे और ऐसा होता है तो शहरों पर बढ़ रहा दबाव भी कम होगा।

गांधीवादी कहे जाने वाले मुख्यमंत्री को तीसरा और सबसे बड़ा लाभ निजी तौर पर आत्मसंतोष का भी होगा।
                                                        शनिवार, 01 अक्टूबर, 2011

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