Friday, February 8, 2013

नाम ममता काम हत्ता-तत्ताई


स्थानीय बोली में कहें तो नाम ममता काम हत्ता-तत्ता के। हां, बात कर रहे हैं पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की। उनके व्यवहार को कभी भी पूर्व में घोषित नहीं कर सकते हैं। अंग्रेजी में कहें तो अन्प्रिडिक्टेबल पर्सनैल्टी हैं। वह बुधवार को बंगाल के प्रसिद्ध कोलकाता पुस्तक मेले में गईं, लौटी तो अत्यधिक भीड़ होने के कारण उनकी कार गेट के सामने थोड़ी देर से लग सकी। फिर क्या था, लोकतान्त्रिक तरीके से चुनकर मुख्यमंत्री बनी ममता के अन्दर का सामन्त जाग उठा। उन्होंने तुरंत व्यवस्था दे दी किइस देरी के लिए जिम्मेदार सुरक्षाकर्मियों को कोड़े लगाये जाने चाहिए।वह भूल गई कि उनके इस कहे पर उनका कोई अन्ध-समर्थक सचमुच ऐसा कर बैठता और सुरक्षाकर्मी घायल हो जाता तो उस समर्थक पर तो घायल की चोटों के अनुसार भारतीय दण्ड संहिता की धारा 323 या 324 लगती ही, खुद ममता भी धारा 109 से नहीं बच पाती, और दोष साबित होने पर ममता और उनका अन्ध-समर्थक दोनों ही एक से तीन साल के लिए अन्दर होते। अर्थ दण्ड भरना पड़ता सो अलग।
8 फरवरी 2013

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