Tuesday, November 20, 2018

बात मिलावटी दूध की (11 जनवरी, 2012)

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी जब जयपुर के प्रवासी सम्मेलन में अपनी बातों से प्रवासियों को मोहित करते हुए दिल्ली के नेताओं और सिंगापुरवासियों के गुजरात का ही दूध पीने का दावा कर रहे थे। तब शायद उन्हें नहीं पता था ठीक उसी समय भारत सरकार की अधीनस्थ संस्था भारतीय खाद्य संरक्षक एवं मानक प्राधिकरण अपनी सर्वे रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में लगा है। इसमें यह बताया गया है कि देश में जो दूध उपभोग किया जाता है उसमें से 68.4 प्रतिशत दूध मिलावटी है यानी लगभग पीने और खाने में काम लिया जाने वाला तीन-चौथाई दूध शुद्ध नहीं है। सर्वे के आंकड़े यह भी बताते हैं कि देश में दूध में सर्वाधिक मिलावट 89 प्रतिशत गुजरात राज्य में ही होती है। राजस्थान दूध की मिलावट के मामले में 76 प्रतिशत के आंकड़े के साथ चौथे स्थान पर है। इस जमाने के हिसाब से सर्वे में जो आश्चर्यजनक आंकड़ा है वह यह कि गोवा और पुड्डुचेरी जैसे राज्यों के दूध में कोई मिलावट नहीं पायी गई है। चिन्ता की बड़ी बात यह है कि यह मिलावटी दूध हमारे शरीर को स्थाई नुकसान पहुंचाने को पर्याप्त है!
-- दीपचंद सांखला
11 जनवरी, 2012

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