Wednesday, November 28, 2012

राम जेठमलानी


बिना सार की बात होने पर मनीषी डॉ. छगन मोहता कहा करते थे, ‘यह तो पानी मथना है, झाग भलेई बनो और कुछ नहीं निकलेगा।इसका अभी स्मरण रामजेठमलानी के सन्दर्भ से हो आया। जनता पार्टी के नेता चन्द्रशेखर के घर के वाकये को छोड़ दें तो हमेशा पानी मथते लगते जेठमलानी ने उसमें से कुछ कुछ सार निकाला ही है। तब 1989 में प्रधानमंत्री पद के लिए चन्द्रशेखर की दावेदारी का विरोध करने जेठमलानी उनके निवास पर धरने पर बैठ गये और चन्द्रशेखर के समर्थकों से अपमानित हुए।
अकसर देखा गया है कि जेठमलानी के पास वे मुकदमे आते हैं जिनमें कोई सार नहीं होता, कोई अन्य नहीं पकड़ता। अभी हाल की बात करें तो राजस्थान के पूर्वमंत्री राजेन्द्र राठौड़ का मामला है। गुजरात दंगों को लेकर नरेन्द्र मोदी के मामले हैं। जेठमलानी की एक खासीयत और भी है वे अपने वकालत के पेशे और अपनी राजनीति को गड्डमड्ड नहीं करते। ऐसा इसलिए कह सकते हैं कि वे अपनी फीस लेकर ऐसे मुकदमे भी लड़ते हैं जिनके वे वैचारिक रूप से खिलाफ होते हैं या उनकी धारणाओं के अनुसार नहीं होते। इसीलिए संसद भवन पर हमले के आरोपी अफजल गुरु का मुकदमा लड़ने पर उन्हें देशद्रोही नहीं कहा गया। अफजल गुरु को अब तक फांसी लगने में जेठमलानी की भूमिका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पिछली सदी के सातवें-आठवें दशक के कुख्यात तस्कर और डॉन हाजी मस्तान, राजीव गांधी के हत्यारों, हर्षद मेहता-केतन पारेख, जेसिकालाल हत्याकांड के आरोपी मनु शर्मा और सोराबुद्दीन फर्जी एनकाउन्टर के आरोपी और गुजरात के पूर्वमंत्री अमितशाह, आईपीएल के विवादास्पद टायकून ललित मोदी, कनीमोझी, वाई एस जगनमोहन रेड्डी, येदियुरप्पा, योग प्रशिक्षक रामदेव के वकील भी जेठमलानी थे, और हैं।
यह सब मुकदमे केवल राम जेठमलानी की अपने पेशे के प्रति निष्ठा और ईमानदारी को दर्शाते हैं बल्कि उनकी प्रतिभा के भी प्रमाण हैं कि वे पानी मथ कर केवल झाग ही पैदा नहीं करते, पाव-छटांक ही सही मक्खन भी निकाल सकते हैं।
जेठमलानी राजनीतिज्ञ के रूप में अकसरकाचर के बीजसाबित हुए हैं। उन्हें कुछ कहना होता है तो पार्टी लाइन की परवाह करते हैं और ही अनुशासन की और किसी का लिहाज करते हैं। बोलेंगे भी बहुत बाड़ा (कड़ुवा) कुछ दिन पहले रामकथा पर और अब नितिन गडकरी पर लगातार रही उनकी प्रतिक्रियाएं, इसके ताजा उदाहरण हैं।
28 नवम्बर, 2012

1 comment:

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

(वर्ड वेरि‍फ़ि‍केशन हटा दें तो आपके पाठकों पर बहुत उपकार होगा)