Thursday, May 29, 2014

भाजपा-राजग सरकारें और हमारे जनप्रतिनिधि-दो

बीकानेर संसदीय क्षेत्र के आठ विधानसभा क्षेत्रों में से जिले के सात विधायकों की संक्षिप्त बात करके असल मुद्दे पर लेते हैं। जिले से सात में से चार विधायक भाजपा के हैं। कल बीकानेर पूर्व और पश्चिम क्षेत्र के भाजपा विधायकों की बात की। श्रीडूंगरगढ़ के विधायक किसनाराम नाई की मोटा-मोट यह अन्तिम विधायकी है और उनकी राजनीति निजी और निजियों से ऊपर उठकर क्षेत्रीय स्तर तक पहुंची हो ध्यान नहीं पड़ता। खाजूवाला के विधायक डॉ. विश्वनाथ इस बात को लेकर जरूर सचेष्ट हैं कि क्षेत्र में उनकी साख बनी रहे और इसके लिए अधिकांश को निजी तौर पर राजी रखते हैं, पर क्षेत्र के व्यापक हितों पर उनकी दृष्टि अन्यों-सी ही है। लूनकरणसर विधायक मानिकचन्द सुराना ने इन चुनावों में निर्दलीय जीत कर कम आश्चर्य नहीं दिखाया, जिले ही क्या प्रदेश के आदर्श जन प्रतिनिधि माने जाने वाले सुराना भी अतिसक्रियता के बावजूद और सरकार के अन्दर-बाहर रहते हुए अपना विधायकी काल अनुकूलता में निकालते रहे हैं।
शेष बचे नोखा के रामेश्वर डूडी और श्रीकोलायत के भंवरसिंह भाटी। लोकसभा के इस चुनाव परिणाम ने साबित कर दिया है कि डूडी पार्टी की नहीं अपनी राजनीति व्यक्तिश: करते हैं तभी कांग्रेस विधायक दल के नेता होने के बावजूद आठों विधानसभा क्षेत्रों में से अपने क्षेत्र में अपनी पार्टी को सबसे कम वोट ही दिला पाए। उम्मीद तो यही थी कि उन्हें जो अवसर कर दिखाने का मिला है, वे दिखाएंगे ही। रहे भंवरसिंह भाटी, अभी उन्होंने पहला चुनाव जीता है, वे कैसे काम करेंगे यह ट्रेण्ड अभी उन्हें सेट करना है, लम्बी-चौड़ी उम्मीदें इनसे भी नहीं बांधनी चाहिए।
बात अपने 'श्रेष्ठ सांसद' अर्जुनराम मेघवाल से शुरू की, वहीं लौट आते हैं। बीच में विधायकों का जिक्र इसलिए भर किया कि यदि वे इस उम्मीद में हो कि क्षेत्र के विधायकों के समन्वय के साथ वे क्षेत्र के लिए कुछ कर गुजरेंगे तो ऐसा मानना व्यर्थ साबित होगा। तो ये विधायक जनहित की मंशावाले हैं और कोई गुंजाइश है भी तो अपनी पिछली सांसदी में मेघवाल ऐसे रहे ही नहीं कि 'तबले बचे रहते'
मेघवाल यदि चैपे के श्रेष्ठ सांसद के बजाय असल में श्रेष्ठ सांसद होना चाहते हैं तो कई नवाचारों के माध्यम से सच्ची-मुच्ची के श्रेष्ठ सांसद हो सकते हैं। चूंकि मंत्रीपद मिलने की संभावनाएं लगभग क्षीण हो गई हैं सो, इसके लिए लॉबिंग में लगने वाला समय और ऊर्जा दोनों ही उनके पास स्पेयर है। मंशा बनाएंगे और चाहेंगे तो क्षेत्र की जनता के  लिए ऐसा कुछ कर गुजरेंगे जो पूरे देश के लिए उदाहरण बन सकेगा। इसके लिए सांसद चाहें तो इन सलाहों पर गौर कर सकते हैं।
- क्षेत्र के सभी तरह के चिकित्सालयों में उनके स्तर के अनुसार न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध हों और उनमें नियुक्त सभी स्तर के कर्मी समयबद्ध और निष्ठा से कार्य को अंजाम दें। (इनमें पशु चिकित्सालय भी शामिल हैं)
- क्षेत्र के सभी सरकारी स्कूलों में भी न्यूनतम सुविधाओं की व्यवस्था करवाना और वहां पर नियुक्त सभी तरह के कर्मी अपनी सेवाएं निष्ठापूर्वक और समयबद्ध दें और क्षेत्र के लोगों को भी प्रेरित करना कि अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में ही पढ़ाएं।
- क्षेत्र के थाने अपने इस आप्तवाक्य पर खरे हों कि 'आमजन में विश्वास और अपराधियों में डर' इस के लिए सांसद को समय-समय पर थानाधिकारियों से लेकर महानिरीक्षक तक से मिलना और उन्हें प्रेरित करना भर है।
- ऐसी ही कवायद पानी और बिजली महकमे में की जा सकती है। श्रेष्ठ सांसद माने जाने के लिए अर्जुनराम मेघवाल को क्षेत्र में इन न्यूनतम सुविधाओं को पुख्ता करवाना ही पर्याप्त होगा, बाकी तो सब अपने आप सध जाएंगे।
इन आवश्यक सेवाओं में क्षेत्र के आम-आवाम का भरोसा बन जाए तो क्षेत्र के आदर्श संसदीय क्षेत्र में तबदील होने में देर नहीं लगेगी। उक्त सब करना मुश्किल जरूर है, नामुमकिन नहीं। नामुमकिन इसलिए नहीं कि यह सारा कुछ स्थापित ढांचे में ही करना है। कुछ नया स्थापित करना है और ही फिलहाल कोई नई नियुक्तियों पर समय देना है। ऐसा दूसरे दौर में तब संभव कर सकते हैं जब पहले चरण को पूरा कर लें। रही न्यूनतम सुविधाओं को जुटाने की बात तो जो नियमित बजट है, उसका व्यावहारिक उपयोग, और कुछ पूरक धन की कहीं जरूरत हो तो सांसद कोटे का यहां उपयोग सार्थक होगा। संसदीय काम-काज के अलावा क्षेत्र में रहें और तत्पर रहें तो ऐसा कुछ नहीं कि किया नहीं जा सकता। अर्जुनराम मेघवाल यदि इसे करने की मंशा बना लें तो 'श्रेष्ठ सांसद' उन्हें जनता ही मान लेगी, इसके लिए प्रबन्ध करने और दक्षिण की किसी अनाम संस्था से हासिल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। रही क्षेत्रीय विधायकों की बात तो आप ऐसा करके सफल होते दिखेंगे तो जिन्हें वोट मांगने जनता के पास फिर जाना है, वे स्वत: आपके साथ हो लेंगे। गोपाल जोशी, किसनाराम नाई और मानिकचन्द सुराना को इसकी जरूरत शायद ही पड़े।
समाप्त

29 मई, 2014

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