Monday, May 20, 2013

आज कुछ यूं ही


क्रिकेट के इण्डियन प्रीमियर लीग मैचों में स्पॉट फिक्सिंग का खुलासा हुआ है। पहले भी पाकिस्तानी खिलाड़ियों को इसमें लिप्त पाया गया था। कई और भी लिप्त हुए होंगे लेकिन उनका उन प्रतिकूलताओं से साबका नहीं पड़ा जिनसे पकड़े गये खिलाड़ी दो-चार हुए हैं। जब पाकिस्तानी खिलाड़ी पकड़े गये तो श्रीसंत ने ज्ञान बघारा था। अब जब श्रीसंत खुद चपेट में गये तो कहते हैं मुझे जीजू ने फंसा दिया। जीजू श्रीसंत का बचपन का मित्र है। आज इस बहाने हिन्दी में शामिल नये शब्दों पर बात करते हैं।
सोशल साइट्स पर हिन्दी में लिखे जाने वाले स्टेटस और वॉल पर दी जाने वाली प्रतिक्रियाओं पर हिन्दी गद्य में अंग्रेजी शब्दों के उपयोग पर भी बहस चल रही है, इस बहस में हिन्दी के अधिकांश अखबारों को अंग्रेजी घालमेल के लिए लबड़-धक्के लिया जा रहा है। इनमें वे कुछ अखबार भी निशाने पर हैं जो भाषा को लेकर उदार हैं। असल निशाने पर तो वे अखबार होने चाहिए जो वैकल्पिक शब्द होते हुए भी भोंडेपन के साथ अंग्रेजी शब्दों को घुसेड़ते हैं। यद्यपि विभिन्न भाषाओं के विभिन्न भाषाभाषियों में मेल-मुलाकात और संवादों के बढ़ने के साथ ही शब्दों की आवाजाही हमेशा से होती रही हैं। हिन्दी के सभी प्रामाणिक शब्दकोशों में अन्य भाषाओं के बहुत से शब्दों का होना इसका प्रमाण भी है। हिन्दी में एक बड़ी कमी यह है कि अधिकांश प्रामाणिक शब्दकोशों का मूलतः संपादन पचास से अस्सी साल पूर्व हुआ है। उसके बाद से लगातार संस्करण तो रहे हैं लेकिन जिस तरह अंग्रेजी के प्रामाणिक शब्दकोशों को प्रतिवर्ष परिवर्धित किया जाकर प्रकाशित किया जाता है वैसी तत्परता हिन्दी भाषा में नहीं देखी जाती। यद्यपि कई संस्करणों को पुनर्मुद्रण बताकर परिवर्धित संस्करण बताया गया है। परिवर्धन के नाम पर कुछ नये शब्दों को कोश के अन्त में परिशिष्ट के रूप में जरूर शामिल किया गया है। जहां कोश की सहायता लेने वाले की नजर सामान्यतः नहीं जाती है।
पिछले कुछ वर्षों में नई तकनीक और बढ़ते भ्रष्ट आचरण के बाद ढेरों शब्द हिन्दी में शामिल हुए हैं और केवल शामिल हुए हैं बल्कि हिन्दी उपयोग के दूरस्थ भूभागों में भी इन्हें समान रूप से काम में लिया जाने लगा है। जैसे कि हवाला शब्द है, कालेधन को इधर-उधर करने की प्रक्रिया को हवाला कहा जाने लगा है। इस शब्द का शब्दकोशीय मतलब भी लगभग यही है लेकिन लाख की गणना को पेटी और करोड़ की गिनती को खोखा कहे जाने का सन्दर्भ समझ से परे है। इसी तरह के हिन्दी के ही बहुत से शब्द नये अर्थों और छाया के साथ हिन्दी में प्रचलन में आए हैं। वैश्वीकरण के बाद बहुत से अंग्रेजी के शब्द भी ज्यों के त्यों हिन्दी में काम लिए जाने लगे हैं। जैसा शुरू में ही जिक्र किया गया फिक्सिंग शब्द का, अब अन्य कुरूपों के साथ इनमें भी मैच फिक्सिंग और स्पॉट फिक्सिंग भी प्रचलन में गये हैं। इस तरह के बहुत से शब्दों के उदाहरण दिए जा सकते हैं। चूंकि यहां केवल नकारात्मक शब्दों का जिक्र किया इसलिए आज की बात का शीर्षकआज कुछ यूं हीदिया गया है, अन्यथा बहुत से नये सकारात्मक शब्द भी हिन्दी में प्रचलन में गये हैं जिन्हें शब्दकोशों में स्थान मिलना चाहिए। हिन्दी हितचिन्तक क्या हिन्दी शब्दकोशों को लगातार अद्यतन (अपडेट) करवाने की कोई व्यवस्था करेंगे?
20 मई, 2013

No comments: