Monday, November 4, 2013

दिवाली की दमक के बाद चुनावी चमक

घरों की साफ-सफाई और रख-रखाव के बाद दीपोत्सव आज भाई-दूज के साथ मोटा-मोट सम्पन्न हो लेगा वैसे कार्तिक पूर्णिमा तक दीप प्रज्वलन की अदायगी जारी रहती है। कहा भी जाता है कि यदि दिवाली ना आए तो घर और कारोबारी जगहों की सार-सम्हाल ही ना हो पाये।
इसी तरह लोकतंत्र की दिवाली हमारे यहां लगभग प्रतिवर्ष ही आने लगी है, कभी लोकसभा चुनाव के बहाने तो कभी विधानसभा, स्थानीय निकाय और पंचायत चुनावों के बहाने। ऐसे अवसरों पर लोकतंत्र का रख-रखाव कितना हो पाता है कह नहीं सकते पर रस्में जरूर पूरी की जाती हैं। और, उम्मीद की जानी चाहिए कि इन रस्म अदायगियों में कभी लोकतंत्र का सचमुच का रख-रखाव भी हो जाएगा। सभ्यता आज जिस मुकाम पर है उससे तो यही लगता है कि मनुष्य और प्रकृति अपने अस्तित्व को सहेजने के रास्ते निकाल लेते हैं। अन्यथा जो कुछ भी बचा है, वह बचा नहीं रहता।
दीपावली से एक दिन पूर्व कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा चुनावों के लिए लगभग एक-तिहाई उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। इस सूची में राहुल फैक्टर भले ही ना दिखा हो, गहलोत फैक्टर जरूर दिखाई दे रहा है। हो सकता है जिन सीटों पर राहुल फैक्टर लागू करने की जरूरत है उनके उम्मीदवारों की घोषणा बाद की सूचियों के लिए रख छोड़ी हो।
प्रदेश भाजपा की कवायद भी बजाय प्रदेश की राजधानी के पिछले सप्ताह से दिल्ली में ही चल रही है, हो सकता है भाजपा भी अपनी पहली सूची आज जारी कर दे। इस तरह की सूचियों के लिए दोनों ही पार्टियों को पूरी मशक्कत करनी पड़ रही है। सभी सत्तारूपों का समुच्चय बन चुकी इस नेतागिरी में महत्त्वाकांक्षाएं तो हिलोरें मारेंगी ही!
कांग्रेस ने पहली सूची में बीकानेर के सात में से तीन उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं--बीकानेर (पश्चिम) से डॉ. बीडी कल्ला, कोलायत से भंवरसिंह भाटी और श्रीडूंगरगढ़ से मंगलाराम गोदारा। गृह-राज्यमंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल का नाम पहली सूची में ना आना जो संकेत दे रहा है उससे लगता है कि बेनीवाल पार्टी में अपनी वह साख हासिल नहीं कर पाए हैं, जिसकी पात्रता उन्हें अब तक बना लेनी चाहिए थी। आज की संभावित भाजपाई सूची की स्थिति भी कमोबेश कांग्रेस की सूची जैसी ही हो सकती है, बल्कि लग यही रहा है कि वहां राहुल टाइप का कोई फैक्टर काम नहीं कर रहा है, सौ वहां पेचीदगियां ज्यादा हैं। फिर भी संभव है कि बीकानेर की सात में से कम से कम तीन-चार सीटों पर उम्मीदवार भाजपा भी तय कर लेगी--कोलायत से देवीसिंह, अर्जुन मेघवाल की ज्यादा ना चली तो खाजूवाला से डॉ. विश्वनाथ, बीकानेर (पूर्व) से सिद्धीकुमारी और गोपाल गहलोत से पार्टी ना ठिठकी हो तो बीकानेर (पश्चिम) से गोपाल जोशी के नाम आज सकते हैं। शेष तीन में से लूणकरणसर में घमासान ज्यादा है तो श्रीडूंगरगढ़ और नोखा में भाजपा फूंक-फूंक कर कदम रखना चाहती है।
दीपावली की दमक ज्यों-ज्यों फीकी होती चली जाएगी त्यों-त्यों चुनावी चमक परवान चढ़ने लगेगी। ऊँट जब खड़े होंगे तभी यह कयास भी लग सकेंगे कि वे बैठेंगे किस करवट। अभी तो धूल में लट्ठ मारना ही है, मार ही रहे हैं सालभर से!

5 नवम्बर, 2013

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