अर्जुनरामजी, बीकानेर कई
उम्मीदें पाले है आपसे!
'घर आळा घट्टी चाटे, पांवणा ने पुडय़ां
भावे', 'घर रा पूत कुंआरा डोले,
पाड़ोस्या ने फेरा खुवावे' और 'खुद भुआजी रा टाबर उघाड़ा घूमे, भतीजा रै झगल्या-टोपी सिंवावे'—लोक की सांगोपांग जानकारी रखने और उसकी मुनादी के
लिए पाग पहनने वाले अर्जुनराम मेघवाल को इन कहावतों में से कौनसी एक धारण करनी है,
इसका निर्णय करने में वे स्वयं सक्षम हैं।
अन्यथा बाहैसियत वित्त राज्यमंत्री, भारत सरकार उन्हें कुछ तो सुध बीकानेर
की भी लेनी चाहिए। पद उन्हें बीकानेर संसदीय क्षेत्र की नुमाइंदगी के चलते मिला है
और खुद उनके शहर में पिछले दो वर्षों से कोई स्थाई आयकर आयुक्त (अपील) नहीं है। इस
पद पर 24 अगस्त 2015 के बाद से किसी नियमित अधिकारी की पोस्टिंग ही
नहीं हुई है। जानते हैं अर्जुनरामजी को वित्त राज्यमंत्री की जिम्मेवारी 5 जुलाई 2016 से मिली। बावजूद इसके एक वर्ष तो निकल ही गया। जोधपुर में
नियुक्त दो आयकर आयुक्त (अपील) में से एक को बीकानेर का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा
हुआ है, जो पिछले दिनों चार
महीनों बाद एक दिन के लिए बीकानेर आए, इस तरह आना और लौटना कार्य रूप में आधा दिन ही रह जाता है और अपीलें ज्यों की
त्यों धरी रह जाती हैं।
वैसे मंत्री महोदय की जानकारी में होगा, फिर भी स्मरणार्थ बता दें कि राजस्थान में आयकर आयुक्त
(अपील) के कुल ग्यारह पद हैं जिनमें पांच जयपुर में, दो जोधपुर में और एक-एक पद उदयपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर में है। बीकानेर को छोड़ शेष सभी ऐसे
दस पदों पर आयुक्त कार्यरत हैं। लेकिन बीकानेर, जो खुद वित्त राज्यमंत्री का क्षेत्र है, का पद पिछले दो वर्षों से स्थाई आयुक्त की बाट
जोह रहा है।
अर्जुनरामजी यूं तो उद्योगपतियों-व्यवसायियों का बहुत खयाल रखने वाले माने
जाते हैं और उनके साथ अच्छा-खासा मेलजोल भी जब तब जाहिर करते रहते हैं। लेकिन आयकर
आयुक्त (अपील) के इस पद पर स्थाई नियुक्ति न होने से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले
उनके इस समुदाय की असुविधा की जानकारी उन तक क्यों नहीं पहुंची, आश्चर्य है।
आयकर आयुक्त (अपील) के पद पर नियमित अधिकारी न होने से उन बहुत से व्यापारियों
के जिरह-फैसले रुके हुए हैं, जिन्होंने अपने
पर लगे दण्ड और अतिरिक्त-करों के खिलाफ अपील कर रखी है। फैसला आने में देरी के
चलते इसी आयकर से संबद्ध अन्य विभागों से दण्ड या अतिरिक्त-कर जमा कराने के सख्त
तकादे भी उन्हें झेलने पड़ते हैं। जिन आयकर दाताओं ने हाइ डिमाण्ड के विरुद्ध
अपीलें कर रखी हैं उन्हें परेशानियां ज्यादा उठानी पड़ रही हैं। मंत्रीजी, बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ के आयकर दाताओं की 1600 अपीलें इस नियमित नियुक्ति के अभाव में फाके खा रही हैं। क्या बीकानेर अपना
वित्त राज्यमंत्री होने का दण्ड भुगत रहा है कि अन्य क्षेत्रों के शेष सभी दस पदों
पर तो इसके समकक्ष नियमित पदाधिकारी नियुक्त हैं, लेकिन बीकानेर में नहीं। यह बात यदि मंत्रीजी ध्यान में
नहीं है तो उन्हें शीघ्र ध्यान में लेनी चाहिए और अपने ही महकमें के इस पद पर किसी
सक्षम अधिकारी की नियमित नियुक्ति का आदेश शीघ्रातिशीघ्र करवाना चाहिए। अन्यथा लोक
को भलीभांति जानने-समझने वाले अर्जुनरामजी को शुरुआत में लिखे अखाणे सुनने पड़
सकते हैं।
जीएसटी
ट्रिब्यूनल की स्थापना बीकानेर में हो
उच्च न्यायालय की खण्ड पीठ के लिए जूझ रहे बीकानेर को कुछ राहत मंत्री महोदय
दिलवा सकते हैं। देश में अभी-अभी लागू नई कर-प्रणाली—माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित ट्रिब्यूनल सभी
राज्यों में अलग-अलग स्थापित होने हैं।
जयपुर-जोधपुर-अजमेर तो उच्च न्यायालय, आयकर ट्रिब्यूनल, राजस्थान कर
बोर्ड और राजस्व मण्डल से पहले ही लाभान्वित हैं। अर्जुनराम मेघवाल के मंत्री रहते
बीकानेर को जीएसटी ट्रिब्यूनल नहीं मिलेगा तो फिर कभी मिलना भी नहीं।
राजस्थान के इस उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र की शासनिक-प्रशासनिक तौर अब तक हुई
उपेक्षाओं से मंत्री महोदय भलीभांति वाकिफ हैं। उम्मीद करते हैं कि अतिरिक्त रुचि
और सक्रियता दिखा कर मंत्रीजी ना केवल नियमित पिछले दो वर्षों से रिक्त आयकर
आयुक्त (अपील) की नियुक्ति अविलंब करवाएंगे बल्कि नये सिरे से स्थापित होने वाला
जीएसटी ट्रिब्यूनल भी बीकानेर को दिलवाने में सक्षम होंगे।
मेड़तासिटी-पुष्कर
रेल लाइन
वित्त राज्यमंत्री बनने पर अर्जुनरामजी को बधाई देते हुए बीकानेरियों ने यह
उम्मीद जताई थी कि सर्वे की तकनीकी कवायद पूरी कर चुकी मेड़ता सिटी-पुष्कर रेल
लाइन के बजट का प्रावधान करवाया जायेगा लेकिन यह उम्मीद अभी तक मुंह ही ताक रही
है। सभी जानते हैं कि साठ किलोमीटर से भी कम लम्बाई की इस रेल लाइन का कार्य पूर्ण
होने से सर्वाधिक लाभ बीकानेर क्षेत्र को होना है। इस केन्द्र सरकार का आगामी बजट
एक तरह से आखिरी बजट होगा, उम्मीद करते हैं
कि मंत्रीजी इस बजट में ऐसी व्यवस्था करवा पाएंगे कि इस रेल लाइन के वर्क-ऑर्डर
शीघ्र जारी हो सकें।
—दीपचन्द सांखला
3 अगस्त, 2017
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