tag:blogger.com,1999:blog-2383090257195782576.post4523854344192597472..comments2023-08-14T00:32:01.286-07:00Comments on VINAYAK: नगर स्थापना दिवस : केवल रस्मअदायगी या कुछ सार्थक भीDeep Chand Sankhlahttp://www.blogger.com/profile/07799831042666126909noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-2383090257195782576.post-31326200123041752372014-04-29T03:37:01.802-07:002014-04-29T03:37:01.802-07:00भाई साहब ये केवल रस्म अदायगी का कार्यक्रम रह गया ह...भाई साहब ये केवल रस्म अदायगी का कार्यक्रम रह गया है। कुछ गिने चुने लोग है जो इसको सेलिब्रेट करते हैं और मैं तो यह कहूॅंगा कि ये लोग ‘गोथळी में गुड़ भांगने’ का काम करते हैं। फिक्स लोग मनाने वाले फिक्स अधिकारी आने वाले और ज्यादातर तो इन्हीं से जुड़े लोगों का सम्मान और एक या दो नए लोग शामिल कर लेते हैं और महज प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अपने होने की सार्थकता साबित करने का प्रयास किया जाता है। हो सकता है कि मेरी बात काफी लोगों को पसंद न आए लेकिन सत्य है जिसे अनुभव किया है।<br />हमने इस लीक से हटकर कुछ करने का प्रयास दो साल पहले किया था तो हड़कम्प मच गया और सब ये सोचने लगे कि ये तो अधिकार हमारा है ये कौन लोग आ गए तो हमारे अधिकार का अतिक्रमण कर रहे हैं बाकायदा प्रशासन की मीटिंग में एडीएम साहब के सामने हमारे कार्यक्रमों का विरोध हुआ और एक प्रतिष्ठित समझे जाने वाले सम्पादक महोदय ने बीकानेर के पार्षदों व कईं हस्तियों को फोन करके हमारे कार्यक्रम में शामिल होने से मना किया और जो लोग हमें इस आयोजन के लिए प्रायोजक के तौर पर मिल रहे थे उन पर भी दबाब बनाया गया कि कैसे भी हो इन नई टीम का किसी भी सूरत में सहायता नहीं करनी है। भला हो इस शहर की जनता का की जिसके सहयोग से हमने तीन दिवसीय आयोजन कर लिया पर कैसे किया ये हमारा दिल ही जानता है। हमें नहीं पता था कि कुछ बड़े समझे जाने वाले लोगों के दिल इतने छोटे होते होंगे। खैर काफी दुःख हुआ उन दिनों की अपने शहर का जन्मदिन मनाने का साचे कर हमने अपने समझे जाने वाले कुछ लोगों की मित्रता से हाथ धो लिया। भाई साहब शायद आपकी इस पोस्ट ने दुखती रग पर हाथ रख दिया इसलिए उन दिनों जो हुआ बता दिया। कुछ त्रुटि हो या किसी को बुरा लगे तो माफी मांग लेता हूॅं। SHYAM NARAYAN RANGAhttps://www.blogger.com/profile/07699027212099887641noreply@blogger.com